भुलाने को तो यूं हर रोज़, तुमको भूलता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
इन आँखों में दुनिया को, नहीं अब ढूंढता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
तुम्हें दिल से मिटाने को,खुद ही से रूठता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
सुकूं की नींद पाने को, रात भर जूझता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
कोशिशें लाख मैंने कीं , तरीके पूछता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
-पुष्यमित्र उपाध्याय
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
इन आँखों में दुनिया को, नहीं अब ढूंढता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
तुम्हें दिल से मिटाने को,खुद ही से रूठता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
सुकूं की नींद पाने को, रात भर जूझता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
कोशिशें लाख मैंने कीं , तरीके पूछता हूँ मैं,
मगर जब याद आते हो..........बहुत तुम याद आते हो,
-पुष्यमित्र उपाध्याय
umdaa...
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