Saturday, May 5, 2012

सुप्रभात


साथ जिनको मेरा था, निभाना नहीं,
उन उजालों से कह दो पास आना नहीं,
ख्वाब नींदों में कुछ जल रहे हैं अभी,
ऐ सुबह! तू हमें, अब जगाना नहीं...

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