blog by Pushyamitra upadhyay Twitter: https://twitter.com/viYogiee
पुष्यमित्र जी, बड़े कला-प्रेमी लगते हैं आप. आपकी कवितायेँ सराहनीय हैं; काव्य की मात्राओं और छंद पर थोडा और काम करें तो मधुरता और बढाई जा सकती है.
मैं स्वातिजी से सहमत हूँ ।
पुष्यमित्र जी, बड़े कला-प्रेमी लगते हैं आप. आपकी कवितायेँ सराहनीय हैं; काव्य की मात्राओं और छंद पर थोडा और काम करें तो मधुरता और बढाई जा सकती है.
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