Monday, December 29, 2014

मैंने
तुम्हारे घर में,
और तुमने
मेरे घर में,
एक दूसरे की.. कई चीज़ें छुपा दी हैं
चलो
अब सारी उम्र
हम दोनों ..उन चीज़ों को खोजें
और फिर कभी,
ढूंढ लेने पर...
_एक दूसरे को बताएं:
कि
"ये कितना आसान था"
कि
"तुम्हें तो कुछ छुपाना भी नहीं आता"
.
तो
यही खेल है अब!

-पुष्यमित्र

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