Friday, January 30, 2015

ख़ाब मेरा जब दिल से मिटाया होगा
कोई तो ख्बाव खुद को दिखाया होगा
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दस्तकें लौटा दीं ये कह कर के हमने
इतनी रात गये अब कौन आया होगा
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बिछड कर मिलने वाले सोचते क्यूँ नहीं
किस तरह दिल ने उन्हें भुलाया होगा
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उसने तोड दिया वादा तो कैसा गिला
उसने कोई और वादा निभाया होगा
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इश्क़ वालो अब यही गुमाँ पालो कि वो
चाहा तो होगा मगर आ न पाया होगा...
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-पुष्यमित्र

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