मुश्किल हर इक राह हो रही होगी,
ये अक्ल भी गुमराह हो रही होगी
ये अक्ल भी गुमराह हो रही होगी
उड चुका होगा होश जुनूँ का
हर तरफ वाह वाह हो रही होगी..
हर तरफ वाह वाह हो रही होगी..
गिर गए होंगे सब ख़ाब शीशों से,
ख़ाली मिरी निगाह हो रही होगी..
ख़ाली मिरी निगाह हो रही होगी..
अभी चुभती है पल भर की जुदाई,
फिर जिन्दगी निबाह हो रही होगी..
फिर जिन्दगी निबाह हो रही होगी..
नहीं हुआ होगा लोगों को यकीन,
मगर हस्ती तबाह हो रही होगी..
मगर हस्ती तबाह हो रही होगी..
-पुष्यमित्र
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