Saturday, September 28, 2019

सवाल कुछ नहीं पर जवाब बने रहते हैं,
हम बेसबब ही बेताब बने रहते हैं..
जाने क्या कहते हैं, क्या कह नहीं पाए?
कोई पागल सी किताब बने रहते हैं...
वो सच मानकर आएगा मुकम्मल करने,
सो सुबह की नींद का ख़्वाब बने रहते हैं..
वक्त पर चले आते हैं रौशनी लेकर,
गोया कोई पेशेवर आफ़ताब बने रहते हैं..
भूल जाते हैं लोग डायरी में रखकर हमें,
हम याद दिलाने को गुलाब बने रहते हैं..

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