Saturday, September 28, 2019

प्रेम में पलायन नहीं होता
प्रेम में होता है एक अंनत तप
स्वयं को सौंप देने का
यज्ञ सा झोंक देने का
अस्तित्व फूंक देने का
अंश अंश स्वाह कर देने का
या होता है रण
उसे छीन लेने का
अपना लेने का
आत्मा सा बसा लेने का
ईश्वर बना लेने का!
कुछ भी हो प्रेम में पलायन नहीं होता।
और तुम?
वह न मिला तो उसे भुलाना चाहते हो?
स्वयं को प्रेमी कहते हो?
पाखंडी हो तुम।

No comments:

Post a Comment