Friday, February 1, 2019


उन्हीं हदों से है शिकवा, जिनसे हमें गुज़रना भी नहीं है..
जी भरके देखना है उसे, मगर कि जी भरना भी नहीं है...🙂🙃
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1 comment:

  1. भाई आपका नाम 'सुनो दौपदी शस्त्र उठा लो...' कविता के साथ देखा जा रहा है, परंतु जब आपके blog ढूँढा to यह कविता नहीं मिली| कृपया शंका समाधान करें |

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